तेरी आँखोन जाने क्या देखा Teri Ankhone Jane Kya Dekha Lyrics in Hindi
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Matlab Ke Andhe Hai (मतलब के अंधे हैं) lyrics in Hindi is Sung by Mohammed Aziz from Movie Hatyare. The song's music direction is by Ravindra Jain, and lyrics are written by Ravindra Jain. It casts Shekhar Suman, Divya Rana, Bindu, Reeta Bhaduri, Satyen Kappu, Bharat Kapoor, Lalita Pawar.
Movie | Hatyare 1989 |
Singers | Mohammed Aziz |
Music Director | Ravindra Jain |
Lyricist | Ravindra Jain |
Cast | Shekhar Suman, Divya Rana, Bindu, Reeta Bhaduri, Satyen Kappu, Bharat Kapoor, Lalita Pawar |
Music Label | Ultra Music |
मतलब के अंधे हैं
ललच के मारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
यह वो हत्यारे हैं
यह वो हत्यारे हैं
इनकी हाथों गिरवी
सब ख्वाब हमारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
फ़रिश्तों से नज़र आये
धरम अवतार लगते हैं
हमें लेकिन दरिंदों से भू
यह खूंखार लगते हैं
शराफत का पहन ज़ावा
शराफत को लझते हैं
यहीं वो लोग मासूम को
जो ज़िंदा जलते हैं
यह दिल के रिश्तों पे
चलते हुये अरे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
यह वो हत्यारे हैं
यह वो हत्यारे हैं
मिले इल्ज़ाम छले गांव
इनकी मेहरबानी सेसुकून की मौत अच्छी हैं
तड़प की ज़िंदगनी से
कहाँ ख़्वाबों की जन्नत हैं
मोहब्बत का समंदर हैं
इसे ससुराल क्या कहिये
यह घर तो सब से बदतर हैं
हमने तो यहाँ लम्हें
रो रो के गुज़ारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
यह वो हत्यारे हैं
यह वो हत्यारे हैं
अगर भगवान बेहरा
हो तो उसको याद क्या कीजे
जहाँ पे दर्द हो हातिम
वहाँ पे फरियाद क्या कीजे
खुशी से काटिलो मैं कौन
लिखवाता हैं नाम अपना
बहोत मजबूर होने पर लिए हैं
इंतक़ाम अपना
हम सब से जीते हैं
तक़दीर से हारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं
मतलब के अंधे हैं
ललच के मारे हैं
जज़्बात की हत्या करते हैं
यह वो हत्यारे हैं.
Matlab ke andhe hai
Lalach ke maare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Yeh woh hatyare hai
Yeh woh hatyare hai
Inke haathon giravi
Sab khwaab humare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Farishton se nazar aaye
Dharam avtaar lagate hai
Humein lekin darindon se bhu
Yeh khunkhaar lagate hai
Sharafat ka pehen zaawa
Sharafat ko lazate hai
Yahin woh log masumo ko
Jo zinda jalate hai
Yeh dil ke rishton pe
Chalte huye aare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Yeh woh hatyare hai
Yeh woh hatyare hai
Mile ilzaam chhale gaanv
Inki meherbaani seSukun ki maut achhi hai
Tadap ki zindagani se
Kahaan khawabon ki jannat hai
Mohabbat ka samandar hai
Ise sasuraal kya kahiye
Yeh ghar to sab se badtar hai
Humne to yahaan lamhein
Ro ro ke guzaare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Yeh woh hatyare hai
Yeh woh hatyare hai
Agar bhagvaan behra
Ho to usko yaad kya kije
Jahaan pe dard ho haatim
Wahan pe fariyaad kya kije
Khushi se kaatilo mein kaun
Likhvata hai naam apna
Bahot majboor hone par liye hai
Intaqaam apna
Hum sab se jeete hai
Taqdeer se haare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai
Matlab ke andhe hai
Lalach ke maare hai
Jazbaat ki hatya karte hai
Yeh woh hatyare hai.
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