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Sharaab Hai (शराब हैं) lyrics in Hindi is Sung by Mohammed Rafi from Movie Aatish. The song's music direction is by Ravindra Jain, and lyrics are written by Ravindra Jain. It casts Jeetendra, Neetu Singh, Dheeraj Kumar.
Movie | Aatish 1979 |
Singers | Mohammed Rafi |
Music Director | Ravindra Jain |
Lyricist | Ravindra Jain |
Cast | Jeetendra, Neetu Singh, Dheeraj Kumar |
Music Label | Saregama |
शरब हैं हा शरब हैं
शबाब हैं हा शबाब हैं
एक से बड़के एक लजबाब हैं, लजबाब हैं
आए दीवाने बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
हो दीवाने बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
शरब हैं हा शरब हैं
शबाब हैं हा शबाब हैं
हर्जयी तेरी हर जिड़ पूरी हम करते आये
दिल दीवाने ओ दिल दीवाने
तुने जिसको भी चाहा हम उसपे ही मरते आये
जिडर कहा उधर गये हर मंजिल से गुजर गये
हमतो तेरी ही मने
बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
ओ रे मस्ताने बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
चुएंगे शेख अंगूर तो
कह दूँगा महसर मे
कह दूँगा महसर मे
ये महकी गोलिया मैं खाता था पीता था सागर मे
शरब हैं हा शरब हैं
शबाब हैं हा शबाब हैं
एक से बड़के एक लजबाब हैं, लजबाब हैए दीवाने बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
हो दीवाने बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
शरब हैं हा शरब हैं
शबाब हैं हा शबाब हैं
साथी की नज़रों से छलके उस मई को मैं पी लू
दिल दीवाने ओ दिल दीवाने
दुनिया जो चाहें समझे तू चाहें जैसे जी ले
दिकट नहीं लजा नहीं हालत अपनी छिपा नहीं
हमसे ना कर बहने
बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
ओ रे मस्ताने बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
कामा कामा रस करती हुई
ये अजंता की मूर्ते
भोली भाली अदाओ मे चिपी कैसी कैसी काटिल सुरते
इधर परियों की महफ़िल हैं
उधर हुरो का नगमा हैं
यहा मरने की हस्रत हैं वाहा जीने का अरमा हैं
आए दीवाने बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
हो दीवाने बोल बोल और तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए
क्या चाहिए, क्या चाहिए
तुझे क्या चाहिए, क्या चाहिए.
Sharab hai ha sharab hai
Shabab hai ha shabab hai
Ek se badke ek lajabab hai, lajabab hai
Ae deewane bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Ho deewane bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Sharab hai ha sharab hai
Shabab hai ha shabab hai
Harjayi teri har jid puri ham karte aaye
Dil diwane o dil diwane
Tune jisko bhi chaha ham uspe hi marte aaye
Jidar kaha udhar gaye har manjil se gujar gaye
Hamto teri hi mane
Bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
O re mastane bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Chuyenge sheikh angur to
Kah dunga mahasar me
Kah dunga mahasar me
Ye mahaki goliya mai khata tha pita tha sagar me
Sharab hai ha sharab hai
Shabab hai ha shabab hai
Ek se badke ek lajabab hai, lajabab haiAe deewane bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Ho deewane bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Sharab hai ha sharab hai
Shabab hai ha shabab hai
Sathi ki najaro se chalke us may ko mai pi lu
Dil diwane o dil diwane
Duniya jo chahe samajhe tu chahe jaise ji le
Dikat nahi laja nahi halat apni chipa nahi
Hamse na kar bahane
Bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
O re mastane bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Chama chama ras karti huyi
Ye ajanta ki murte
Bholi bhali adao me chipi kaisi kaisi katil surte
Idhar pariyo ki mahfil hai
Udhar huro ka nagma hai
Yaha marne ki hasrat hai waha jine ka armaa hai
Ae deewane bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Ho deewane bol bol aur tujhe kya chahiye, kya chahiye
Kya chahiye, kya chahiye
Tujhe kya chahiye, kya chahiye.
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